करतल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

करतल संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ करतली]

१. हाथ की गदोरी । हथेली । उ॰—धटवहन से स्कंध नत थे और करतल लाल । उठ रहा था श्वासगति से वक्षदेश विशाल ।—शकुं॰, पृ॰ ७ । यौ॰—करतलगत ।

२. मात्रिक गणों में चार मात्राओं के गण (डगर) का एक रूप जिसमें प्रथम दो मात्राएँ लघु और अंत में एक गुरु होती है । जैसे, हरि जू ।

३. छप्पय के एक भेद का नाम ।