कसाला

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कसाला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कष=पीड़ा, दुःख अथवा अ॰ कसालत]

१. कष्ट । तकलीप । उ॰—कहै ठाकुर कासों कहा कहिये हमैं प्रीति करे के कसाले परे ।—ठाकुर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—उठाना ।—करना ।—खींचना ।—झेलना ।— पड़ना ।—सहना ।

२. कठिन परिश्रम । श्रम । मेहनत उ॰—करत सुतप बीते बहु काला । पुत्र होन हित कियो कसाला ।—रघुराज (शब्द॰) ।

कसाला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कसाव] खटाई जिसमें सोनार गहना साफ करते हैं ।