काँख संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कक्ष] बाहुमूल के निची की ओर का गड्ढ़ा । बगल । उ॰—अंगदादि कपि मुर्छित करि समेत सुग्रीव । काँख दाबि कपिराज कहँ चला अमित बल सींव ।—तुलसी (शब्द॰) ।