काछ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

काछ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कक्ष, प्रा॰ कच्छ]

१. पेड और जाँघ के जोड पर का तथा उसके कुछ नीचे तक का स्थान ।

२. धोती का वह भाग जो इस स्थान पर से होकर पीछे खोंसा जाता है । लाँग । उ॰—(क) कसि काछ दिए घँघरी की कसे कटि सों उपरौनिय भाँति भली ।—रघुनाथ (शब्द॰) । (ख) चतुर काछ काछै जब जैसा । तब तहँ नाच दिखावै तैसा ।—विश्राम (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—कसना ।—काछना ।—खोलना ।—देना ।—बांधना ।—मारना ।—लगाना ।

३. अभिनय के लिये नटों का वेश या बनाव ।