सामग्री पर जाएँ

काहू

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

काहू ^१ सर्व॰ [हिं॰ का+ ह (प्रत्य॰)] किसी । उ॰—(क) जो काहू की देखहिं विपती ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) धार लगै तरवार लगै पर काहू कीकाहू सों आँखि लगे ना (शब्द॰) । विशेष—ब्रजभाषा के 'को' शब्द का विभक्ति लगने के पहले 'का' रूप हो जाता है । इसी 'का' में निश्यार्थक 'हू' विभक्ति के पहले लग जाता है, जैसे, काहू ने, काहू को, काहू सों आदि ।

काहू ^२ संज्ञा पुं॰ [फा॰] गोभी की तरह का एक पौधा जिसकी पत्तियाँ लंबी, दलदार और मुलायम होती हैं ।