किनका

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

किनका संज्ञा पुं॰ [सं॰ कणिका] [स्त्री॰ अल्पा॰ किनकी]

१. छोटा दाना । अन्न का टूटा हुआ दाना ।

२. चावल आदि के दाने का महीन टुकड़ा जो कुटने से अलग हो जाता है । खुद्दी । उ॰—जो कोई होइ सत्य का किनका सोहम को पति माई ।— कबीर श॰, भा॰ ३ पृ॰ २ ।