किलक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
किलक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ किलकना]
१. किलकने की क्रिया । हर्षध्वनि करने की क्रिया । आनंदसूचक शब्द । हर्ष- ध्वानि । किलकार । उ॰—माँ, फिर एक किलक दूरागत, गूँज उठी कुटिया सूनी ।—कामायनी, पृ॰, ।
किलक ^२ संज्ञा स्त्री॰ [फा॰ किलक] एक प्रकार का नरकट जिसकी कलम बनती है ।