कुहाड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुहाड़ा पु संज्ञा पुं॰ [हि॰ कुल्हाड़ा] [संज्ञा स्त्री॰ कुहाड़ी] कुठार । परशु । उ॰— (क) कबीर तोड़ा मान गढ़ पकड़े पाँवो स्वान । ज्ञान कुहाड़ा कर्म बन, काटि किया मैदान ।— कबीर सा॰ सं॰ भा॰,

१. पृ॰ २६ । (ख) शब्द कुहाड़ी सूड़ साँसौ सुकृत करि किरसान । नाम निज कण बहुत ने । भूख दु:ख नसान ।—राम॰, धर्म॰, पृ॰ १२३ ।