कोऊ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कोऊ †पु सर्व॰[हिं॰ को+हू=भी] कोई । उ॰— सावन सरित न रुकै करै जौं जतन कोऊ आति । कृष्ण गहे जिनको मन ते क्यों रुकहि अगम अति ।—नंद॰ ग्रं॰ पृ॰, ९ ।