क्षत्रधर्म

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

क्षत्रधर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰] क्षत्रियों का धर्म । य़था—अध्ययन, दान, यज्ञ और प्रजापालन करना, विषय वासनाओँ से दूर रहना, आदि ।