खगकेतु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खगकेतु संज्ञा पुं॰ [सं॰] गरुड़ । उ॰—बरणि न जाय समर खगकेतु—तुलसी (शब्द॰) ।