खच्चर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खच्चर संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. गधे और घोड़ी के संयोग से उत्पन्न एक पशु । विशेष—यह पशु घोड़े से बहुत मिलता जुलता होता है । इसके कान आदि अवयव गधे के समान होते हैं, पर शक्ति इसकी घोड़े से भी कुछ अधिक होती है । यह दीर्घजीवी होता है, बहुत कम बीमार पड़ता है और अधिक परिश्रम कर सकता है, इसीलिये कई अवसरों पर यह घोड़े की अपेक्षा अधिक उपयोगी होता है । यह घोड़े की तरह समझदार होता है, और ऊँची नीची भुमि पर इसका पैर बहुत मजबूत बैठता है । फौंजों में और पहाड़ों पर इससे बहुत काम निकलता है ।

३. दे॰ 'खचरा' ।