खरी
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
खरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] गदही । गर्दभी । उ॰—कह खगेस अस कवन अभागी । खरी सेव सुरधेनहु त्यागी ।—मानस ७ ।११० ।
खरी ^२ † संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की ईख ।
खरी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ खली] दे॰ 'खली' ।
खरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ खण्डिका, हिं॰ खड़िया, खरिया] दे॰ 'खड़िया' । उ॰—करम खरी कर, मोह थल, अंक चराचर जाल । हनत गुनत गुनि गुनि हनत जगत ज्योतिषी काल ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ १२३ ।