खस्सी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खस्सी ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰] बकरा । उ॰— देबी जो को खस्सी भेड़ा पीरन कौ नौ नेजा । —कबीर श॰, पृ॰, ४१ । मुहा॰— खस्ती चढाना = बकरे को बलिदान करना ।

खस्सी ^२ वि॰

१. बधिया ।

२. हिजडा़ । नपुंसक ।