खादर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
खादर संज्ञा पुं॰ [सं॰ खात्र = तालाब अथवा हिं॰ खाड़]
१. नदी, झील आदि के किनारे की वह नीची जमीन जिसमें वर्ष का पानी बहुत जिनें तक रुका रहता हो । बाँगर का उलटा । तराई । कछार । उ॰—(क) मेघ परस्पर यहै कहत हैं धोय करहु गिरि खादर ।—सूर (शब्द॰) (ख) रूमि रूँदि डारैं खुरासान खूँदि मारैं खाक खादर लौं झरैं ऐसे साहु की बहार है ।—भूषण (शब्द॰)
२. गर्त । गड्ढ
२. पशुओं के चरने की जगह । चारगाह । मुहा॰—खादर लगना = पशुओं के चरने योग्य घास उगना ।