खौर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
खौर संज्ञा स्त्री॰ [सं॰क्षौर या क्षुर से हिं॰]
१. मस्तक पर लगे हुए चंदन का आड़ा या धनुषाकार तिलक । चंदन का आड़ा टीका । त्रिपुंड । विशेष—चंदन का मस्तक पर लेप करके उसपर उँगली से खरोंच कर चिह्न बनाते हैं । क्रि॰ प्र॰—देना ।—लगाना ।
२. स्त्रियों का एक गहना जो मस्तक पर पहना जाता है ।
३. मछली फँसाने का एक प्रकार का जाल ।