गन
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गन पु संज्ञआ पुं॰ [सं॰ गण ]
१. दूत । सेवक । पारिषद । उ॰— जम गन मुँह मासि जग जमुना सी ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. चोवा नाम का गंधद्रव्य । उ॰—स्वेद भरे तनसिज खरे करज लगे मन ठाम । सुथरे कच विथुरे अरी लरी ललन ते बाम ।— श्रृं॰ सत (शब्द॰) । वि॰ दे॰ 'गण' ।