सामग्री पर जाएँ

गरीबी

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

गरीबी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ गरीब + फ़ा॰ ई (प्रत्य॰)]

१. दीनता । अधीनता । नम्रता । उ॰—(क) पुर पाँव धरिहैं उधारिहैं तुलसी से जन जिन जानि कै गरीबी गाढी़ गही हैं ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) कबिर केवल राम कहु शुद्ध गरीबी लाज । कूर बड़ाई बूड़सी भारी परसी काज ।—कबीर (शब्द॰) ।

२. दरिद्रता । निर्धनता । कंगाली । मुहताजी । जैसे,—कपड़ा फटा, गरीबी आई । मुहा॰—गरीबी आना = दरीद्रता होना । मुहताजी होना ।