गरीबी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गरीबी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ गरीब + फ़ा॰ ई (प्रत्य॰)]

१. दीनता । अधीनता । नम्रता । उ॰—(क) पुर पाँव धरिहैं उधारिहैं तुलसी से जन जिन जानि कै गरीबी गाढी़ गही हैं ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) कबिर केवल राम कहु शुद्ध गरीबी लाज । कूर बड़ाई बूड़सी भारी परसी काज ।—कबीर (शब्द॰) ।

२. दरिद्रता । निर्धनता । कंगाली । मुहताजी । जैसे,—कपड़ा फटा, गरीबी आई । मुहा॰—गरीबी आना = दरीद्रता होना । मुहताजी होना ।