गलफड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गलफड़ा संज्ञा पुं॰ [ हिं॰ गाल + फटना]

१. जलजंतुओं का वह अवयव जिससे वे पानी में साँस लेते हैं । विशेष—ऐसे जंतुओं में फेफड़ा नहीं होता । यह सिर के नीचे दोनों ओर होता है और भिन्न भिन्न जलजंतुओं में भिन्न भिन्न आकार का होता है । मछलियों के गले में सिर के १दोनों ओर दो अर्धचंद्राकार छेद या कटाव होते हैं । इन्हीं छेदों के अंदर चार चार अर्धचंद्राकार कमानियाँ होती हैं जिनके ऊपर लाल—लाल नुकीली सूइयों की झालर होती हैं जिनसे गलछट कहते हैं । इन्हीं गलछटों से होकर मछलियाँ पानी में साँस लेती हैं जिससे पानी में मिली हुई वायु मात्र अंदर जाती है और पानी छँटकर बाहर रह जाता है ।

२. गालों के दोनों ओर का वह मांस जे दोनों जबड़ों के बीच में होता है । गाल का जमड़ा ।