गैल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गैल संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गली] मार्ग । राह । रास्ता । गली । कूचा । उ॰— (क) हौ तुम प्रान हितू सिगरी कवि सेखर देहु सिखावन यामैं । गैल में गोपद नीर भरयों सखि चौथ को चंद परयो लखि तामें ।—सेखर (शब्द॰) । (ख) मूसा कहै बिलार सों सुन रे ढीठ ढिठैल । हम निकसत हैं सैर को, तुम बैठत हौ गैल । —गिरिधर (शब्द॰) । मुहा॰—किसी की गैल जाना =(१) किसी के साथ जाना । (२) किसी का अनुसरण करना । किसी को गैल करना= किसी को साथ कर देना । गैल बताना= दे॰ 'रास्ता बताना' । गैल लेना साथ में लेना ।