चंडालिनी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चंडालिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चण्डालिनी]

१. चंडाल वर्ण की स्त्री ।

२. दुष्टा स्त्री । पापिनी स्त्री ।

३. एक प्रकार का दोहा ज ो दूषित माना जाता है । जिस दोहे के आदि में जगण पडे, उसको चंडालिनी दोहा कहते हैं । जैसे, —जहाँ विषम चरननि परै, कहूँ जगण जो आन । बखानना, चंडालिनी, दोरा सुख की खान । विशेष—प्रथम और तृतीय चरण के आदि के एक ही शब्द में जगण पडे तो दुषित है । यदि आदि के शब्द में जगण पुरा न हो और दूसरे शब्द से अक्षर लेना पडे ते उसमें दोष नहीं है । पर यदि यह भी बचाया जा सके, तो और भी उत्तम है ।