चकई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चकई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चकवा] मादा चकवा । मादा सुरखाब । वि॰ दे॰ 'चकवा' । उ॰—(क) सीते सिख दाहक भइ कैसे । चकइहि सरद चंद निसि जैसे ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) संपति चकई भरत चक मुनि आयसु खेलवार ।—तुलसी (शब्द॰) ।

चकई ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चक्र] घिरनी या गड़ारी के आकार का एक छोटा गोल खिलौना जिसके घेरे में डोरी लपेटी रहती है । इसी डोरी के सहारे लड़के इसे फिराते या नचाते हैं । उ॰—(क) भौंरा चकई लाल पाट को लेडुआ माँगु खेलौना ।—सूर (शब्द॰) । (ख) इततै उत उततै इतै छिन न कहूँ ठहराति । जक न परति चकई भई, फिरि आवति फिरि जाति ।—बिहारी (शब्द॰) ।

चकई ^३ वि॰ गोल बनावट का । जैसे,—चकई आडू । चकई छाती ।