चटक्क

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चटक्क पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ चटक] दे॰ 'चटक' । उ॰—दानव तब गय दौरि करे इक बंध कटक्कं । हुअ देवासुर जुद्ध चढे़ देवता चटक्क्रं । पृ॰ रा॰ २ ।१३० ।