चय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चय संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. समूह । ढेर । राशि ।

२. धुस्स । टीला । ढूह ।

३. गढ़ । किला ।

४. किसी किले या शहर के चारों ओर रक्षा के लिये बनाई हुई दीवार । धुस । कोट । चहार— दीवारी । प्राकार ।

५. बुनियाद जिसके ऊपर दीवार बनाई जाती है । नींव ।

६. चबूतरा ।

७. चौकी । ऊँचा आसन ।

८. कफ, वात या पित्त की विशेष अवस्था ।

९. यज्ञ के लिये अग्नि आदि का एक विशेष संस्कार । चयन ।

१०. दुर्ग का द्वार या फाटक [को॰] ।

११. तिपाई [को॰] ।

१२. लकड़ों का ढेर (को॰) ।

१३. आवरण [को॰] ।

१४. त्रिदोषों में से वात, पित्त या कफ किसी एक का उभर जाना [को॰] ।