चरक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चरक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दूत । कासिद । चर ।

२. गुप्चर । भेदिया । जासूस ।

३. वैद्यक के एक प्रधान आचार्य जो शेषनाग के अवतार माने जाते हैं, और जिनका रचा हुआ 'चरकसंहिता' वैद्यक का सर्वमान्य ग्रंथ है । इसके उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु ग्रंथकर्ता अग्निवेश ओर प्रतिसंस्कारक चरक हैं ।

४. मुसाफिर । बटोही । पथिक ।

५. दे॰ 'चटक'

६. चकरसंहिता नाम का ग्रंथ ।

७. बौद्धों का एक संप्रदाय ।

८. भिखमंगा । भिक्षुक ।

चरक ^२ संज्ञा स्त्री॰ एक प्रकार की मछली । उ॰—मारे चरक चाल्ह पर हासी । जल तजि कहाँ जारिं जलवासी ।—जायसी (शब्द॰) ।

चरक ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चक्र] कुष्ठ का दाग । सफेद दाग । फूल ।

चरक ^४ † संज्ञा पुं॰ [अनु॰] फटना । दरकना ।