चरचा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चरचा संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चर्चा] दे॰ 'चर्चा' । उ॰—(क) हरिजन हरि चरचा जो करै । दासी सुत जो हिरदै धरै ।—सूर (शब्द) । (ख) निज लोक बिसरे लोकपति घर की न चरचा चालहीं ।—तुलसी (शब्द॰) ।(ग) पुरवासियों के प्यारे राम के अभिषेक की उस चरचा ने प्रत्येक पुरवासी को हर्षित किया ।—लक्ष्मण (शब्द॰) ।