चितार पु वि॰ [सं॰ चित्रल] रंग बिरंगा । उ॰—है यह हीरन सों जड़ी रंगन तापै करी कछु चित्र चितार सी । देखो जू लालन कैसी बनी है नई यह सुंदर कंचन आरसी ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ १४७ ।