चुपड़ना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चुपड़ना क्रि॰ स॰ [अनुर॰]
१. किसी गीली वस्तु को फैलाकर लगाना । किसी विपचिपी वस्तु का लेप करना । पोतना । जैसे,—रोटी में घी चुपड़ना । दोष छिपाना । किसी दोष का आरोप दूर करने के जिये इधर उधर की बातें करना । जैसे,—उसने अपराध तो किया ही है, अब आपके