चोँच

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चोँच संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चञ्चु]

१. पक्षीयों के मुँह का अगला भाग जो हड्डी का होता है और जिसके द्वारा वै कोई चीज उठाते, तोडते और खाते हैं । पक्षियों के लिये यह सम्मिलित हाथ, होंठ और दाँत का काम देती है । टोंट । तुंड ।

२. मुँह । (हास्य या व्यंग्य में ) । जैसे, — बहुत हुआ , अब अपनी चोंच बंद करो । मुहा॰— चोंच खोलना = बात कहना । उ॰— जवाब जरुर दो देखें तो क्या कहती हो । जरा चोंच तो खोलो ।— फिसाना॰ भाग ३, पृ॰ ५८३ । दो दो चोंचे होना = कहा सुनी होना । कुछ लडाई झगडा होना । चोंच बंद करना या कराना = भय से चुप रहना या भय दिखाकर चुप करना ।