चोपड़

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चोपड़ ^१पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चुपड़ना] घी तेल इत्यादि स्नेह पदार्थ । जो चुपड़ा जा सके । उ॰— कापड़ चोपड़ पान रस, दे सह खाँचै दाम ।— बाँकी॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ६० ।

चोपड़ ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चौपड़] दे॰ 'चोपड़' । उ॰— सो श्री गोवर्धन नाथजी आप वासों बाते करें, चोपड़ खेलें । — दो सौ बावन॰, भा॰ पृ॰ ८२ ।