चौपाल
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चौपाल संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चौबार]
१. खुली हुई बैठक । लोगों के बैठने उठने का वह स्थान जो ऊपर से छाया हो, पर चारों ओर खुला हो । विशेष—गाँवों में ऐसे स्थान प्रायः रहते हैं जहाँ लोग बैठकर पंचायत, बातचीत आदि करते हैं ।
२. बैठक । उ॰—सब चौपारहिं चंदन खँभा । बैठा राजा भइ तब सभा ।—जायसी (शब्द॰) ।
३. दालान । बरामदा ।
४. घर के सामने का छायादार चबूतरा ।
५. एक प्रकार की खुली पालकी जिसमें परदे या किवाड़ नहीं होते । चौपहला ।