चौरस
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चौरस ^१ वि॰ [हिं॰ चौ ( = चार) + (एक) रस ( = समान]
१. जो ऊँचा नीचा न हो । समथल । हमवार । बारबर । जैसे, चौरस मैदान ।
२. चौपहल । वर्गात्मक ।
चौरस ^२ संज्ञा पुं॰
१. ठठेरों का एक औजार जिससे वे खुरचकर बर— तन चिकने करते है ।
२. एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक तगण और एक यगण होता है । इसको 'तुनुमध्या' कहते हैं । जैसे,—तू यों किमि आली । घूमें मतवाली (सुनार) ।