छप

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छप ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰]

१. पानी में किसी वस्तु के एकबारगी जोर से गिरने का शब्द ।

२. पानी के एकबारगी पड़ने का शब्द । पानी के छींटो के जोर से पड़ने का शब्द । यौ॰—छपछप, छपाछप = (१) भरपूर । (२) छप् छप् की लगातार आवाज । (३) छप् छप् की ध्वनि के साथ ।

छप वि॰ [हिं॰ छिपन, छपन] गायब । लुप्त । अदृष्ट । यौ॰—छपलोक = अदृष्ट जगत् । उ॰—तब तोहि जानौ पंडिता, मुक्ती कहि देहु आय । छपलोक की बात कहु तब मोर मन पतियाय ।—संतवाणी॰, भा॰ १, पृ॰ १२५ ।