छीँट
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]छीँट संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षिंप्त, प्रा॰ छित्त]
१. पानी या और कीसी द्रव पदार्थ की महीन बूँद । जलकण । सीकर । उ॰—राधें छिरकति छींट छबीली । कुच कुंकुम कंचुकि बँद टूटे, लटकि रही लट गीली ।—सूर (शब्द॰) ।
२. पानी आदि की पडी़ हुई बूँद या कण का चिह्न जो किसी वस्तु पर पड़ जाय ।
३. वह कपडा़ जिसपर रंग बिरंग के बेल बूटे रंगों से छापकर बनाए गए हों । उ॰—संध्या घनमाला की सुंदर ओढे़ रंग बिरंगी छींट ।—कामयनी, पृ॰ ३० । विशेष—प्राचीन काल में कपडे़ पर रंग बिरंग के छीटे डालकर छींट बनाते थे । यौ॰—मोमी छींट = एक प्रकार का छपा हुआ कपडा़ जो स्त्रियों के पहरावे के काम में आता है ।