छै ^१ † वि॰, संज्ञा पुं॰ [सं॰ षट्] दे॰ 'छ' ।
छै ^२पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षय] दे॰ 'क्षय', 'छय' । उ॰—यह कहि पारथ हरि पुर गए । सुन्यो सकल जादव छै भए ।—सूर॰, १ । २८६ ।