जंघ

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जंघ ^१पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ जङ्घा] दे॰ 'जंघा' । उ॰—जानु जंघ त्रिभंग सुंदर कलित कंचन दंड़ । काछनी कटि पीत पट दुति, कमल किसर खंड ।—सूर॰, १ ।३०७ ।

जंघ ^२ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ जङ्घा] जाँघ में पहनी जानेवाली जाँघिया ।