जगचार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जगचार पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जग + चार (प्रत्य॰)] लौकिक रस्म । नेग । उ॰—किया ज्यों जो संमुख हो जगंचार अमीर । न ले कुच की जब फिर चल्या वह फकीर ।—दक्खिनी॰, पृ॰ १३७ ।