जरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जरा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. बुढ़ापा । वृद्धावस्था । यौ॰—जराग्रस्त । जरामरण ।

२. पुराणानुसार काल की कन्या का नाम । विस्त्रसा ।

३. एक राक्षसी का नाम जो मगध देश की गृहदेवी थी । इसी को षष्ठी भी कहते हैं । जरा नाम की एक राक्षसी जिसने जरासंध को जो़ड़ा था । दे॰ 'जरासंध' । उ॰—जरा जरासंध की संधि जोरयौ हुतौ भीम ता संघ कौ चीर डरचौ ।—सूर॰, १० ।४२१५ ।

४. खिरनी का पेड़ ।

५. प्रार्थना । प्रशंसा । श्लाघा । यौ॰—जराबोध ।

६. पाचन शाक्ति (को॰) ।

७. वृद्धावस्था की शिथिलता (को॰) ।

जरा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक व्याध का नाम । विशेष—इसी के बाण से भगवान् कृष्णचंद्र देवलोक सिधारे थे ।

जरा ^१ वि॰ [अ॰ जर्रह] थोड़ा । कम । जैसे,—जरा से काम में तुमने इतनी देर लगा दी । यौ॰—जरा जरा=थोड़ा थोड़ा । जरामना=कमबेश । थोड़ा बहुत । जरा सा ।

जरा ^२ क्रि॰ वि॰ थोड़ा । कम । जेसे,—जरा दौड़ो तो सही । मुहा॰—चरा चलैगी=जरा बात बढ़ेगी । तकरार होगी । उ॰— मैं तो समझी थी कि जरा चलेगी ।—सैर॰ कु॰, पृ॰ २४ ।