जवनिका
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
जवनिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. पर्दा । दे॰ 'यवनिका' । उ॰—(क) मोहन काहैं न उगिलौ माटी । बड़ी बार भई लोचन उधरे भरम जवनिंका फाटो । सूर निरखि नँदरानि भ्रमित भई कहति न मीठी खाटी ।—सूर॰, १० ।२५४ (ख) द्वार झरो- खनि जवनिका रुचि लै छुटकाऊँ ।—घनानंद, पृ॰ ३१३ ।
२. कनात । घेरा (को॰) ।
३. नाव की पाल (को॰) ।