जाचक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
जाचक पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ याचक]
१. माँगनेवाला । वह जो माँगता हो । भिक्षुक । मंगन । भिखारी । उ॰—(क) नर नाग सुरासुर जाचक जो तुम्ह सों मन भावत पायो न कै ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) नंद पौरि जे जाँचन आए । बहुरौ फिरि जाचक न कहाए । —१० ।३२ ।
२. भीख माँगनेवाला । भिखमंगा । उ॰—दोऊ चाह भरे कछू चाहत कह्यो कहै न । नहिं जाचक सुनि सूम लौं बाहर निकसत बैन ।—बिहारी (शब्द॰) ।