जोटी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जोटी पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जोट]

१. जोडी़ । युग्मक । उ॰— काँचो दूध पियावत पचि पचि देत न माखन रोटी ।—सूरदा स चीरजीवहु वोऊ हरि हलधर जाटी ।—सूर (शब्द॰) ।

२. बराबरी का । जोड़ का । समान ।

३. जो गुण आदि में किसी दूसरे के समान हो । जिसका मेल दूसरे के साथ बैठ जाता हो ।

जोटी पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जोट]

१. जोडी़ । युग्मक । उ॰— काँचो दूध पियावत पचि पचि देत न माखन रोटी ।—सूरदास

५. स्त्री और पुरुष । जैसे, वर कन्या का जोड़ा ।

६. नर और मादा ( केवल पशु और पक्षियों आदि के लिये ) । जैसे, सारस का जोड़ा कबूतर का जोड़ा, कुत्तों का जोड़ा । विशेष—अंक ५ और ६ के अर्थों में स्त्री और पुरुष अथवा नर और मादा में से प्रत्येक को भी एक दूसरे का जोड़ा कहते हैं । क्रि॰ प्र॰—मिलाना ।—लगाना । मुहा॰—जोड़ा खाना = संभोग करना । मैथुन करना । जोड़ा खिलाना = संभोग से प्रवृत्त करना । मैथुन कराना । जोड़ा लगाना = नर और मादा को मैथुन में प्रवृत्त करना ।

७. वह जो बराबरी का हो । जोड़ा ।

८. दे॰ 'जोड़' ।