जोता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जोता संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जोतना]

१. जुआठे में बँधी हुई वह पतली रस्सी जिसमें बैलों की गरदन फँसाई जाती है ।

२. जुलाहों की परिभाषा में वे दोनों डोरियाँ जो करघे पर फैलाए हुए ताने के अंतिम सिरे पर उसके सूतों को ठीक रखनेवाली कमाँची या भँजनी के दोनों सिरों पर बँधी हुई होती हैं । इन दोनों डोरियों के दूसरे सिरे आपस में भी एक दुसरे से बँधे और पीछे की ओर तने होते हैं ।

३. करघे में सूत की वह डोरी जो बरौंछी में बँधी रहती है ।

४. वह बहुत बड़ी धरन या शहतीर जो एक ही पंक्ति में लगे हुए कई खंभो पर रखी जाती है और जिसके ऊपर दीवार उठाई जाती है ।

५. वह जो हल जोतता हो । खेती करनेवाला । जैसे, हरजोता ।