जोति
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जोति पु † वि॰ [हिं॰ जितना] जितना । उ॰— हहूँ रंग बहु जानति लहरै जोति समुंद । पै पिय को चतुराई सकिउँ न एकौ बुंद । जायसी ग्रं॰, (गुप्त), पृ॰ ३४१ ।
जोति ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ज्योति]
१. घी का वह दिया जो किसी देवी या देवता आदि के आगे अथवा उसके उद्देशय से जलाया जाता है । क्रि॰ प्र॰—जलाना ।—बारना । यौ॰—जोतिभोग = किसी देवता के सामने जोति जलाने और भोग लगाने आदि की क्रिया ।
२. दे॰ 'ज्योति' ।
जोति पु † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जोतना] जोतने बोने योग्य भूमि । उ॰—एपै तजि देबो क्रिया देखि जग बुरो होत जोति बहु दई दाम राम मति सानिए ।—प्रिया॰ (शब्द॰) ।