ज्याना पु क्रि॰ स॰ [हिं॰] दे॰ 'जियाना' । उ॰—ज्याइए तो जानकी रमन जन जानि जिय, मारिए तो माँगी मीचु सूधिए कहतु हौं ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २४० ।