झंझार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झंझार संज्ञा पुं॰ [सं॰ झञ्झा] आग की वह लपट जिसमें से कुछ अब्यक्त शब्द के साथ धुँआ और चिनगारियाँ निकलें । उ॰— (क) आति अगिनि झार भंमार, धुंधार करि, उचटि अंगार झंझार छायौ ।—सूर॰, १० ।५९६ । (ख) लाल तिहारे विरह की लागी अगिन अपार । सरसै बरसैं नीरहूँ मिटै न झर झंझार ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ४९५ ।