झखी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झखी †पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ झष] मीन । मछली । मत्स्य । उ॰— (क) आवत बन ते साँझ देखो मैं गायन माँझ, काहू को ढ़ोढारी एक शीष मोर पखियाँ । अतसी कुसुम जैसे चंचल दीरघ नैन मानो रस भरी जों लरत जुगल झखियाँ ।—सूर (शब्द॰) । (ख) गोकुल माह मैं मान करै ते भई तिय बारि बिना झखियाँ है ।—(शब्द॰) ।