झबा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झबा संज्ञा पुं॰ [अनु॰]दे॰ 'झब्बा' ।उ॰—(क) सीस फूल धरि पाटी पोंछत फूँदनि झबा निहारत । वदन विंद जराइ की बेंदी तापर बनै सुधारत ।—सूर (शब्द॰) । (ख) छहरै सिर पै छबि मोर पखा उनकी नथ के मुकता थहरैं । फहरै पियरो पट बेनी इतै उनकी चुनरी के झबा झहरैं ।—बेनी कवि (शब्द॰) ।