झोटा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झोटा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] पेग । दे॰ 'झोंका ^१' । उ॰— (क) गाजे घण सुण गावणो, प्याला भर भव पाव । झूले रेशम रंग झड़, झोटा देर झुलाव ।— बाँकी॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८ । (क) कोउ अंचल छोरि कटिं मैं बाँधि कसिकै देत । कोउ किए लावन की कछोटी चढ़त झोटा देत ।— भारतेदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ११८ ।