टँगड़ी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

टँगड़ी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ टङ्ग] घुटने से लेकर एँड़ी तक का भाग । टाँग । मुहा॰—टँगड़ी पर उड़ाना = लंग मारकर गिराना । कुशती में पैर से पैर फँसाकर गिराना । अडंगा मारना ।