टूटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

टूटना क्रि॰ अ॰ [सं॰ त्रुट]

१. किसी वस्तु का आघात, दबाव या झटके के द्वारा दो या कई भागों में एकबारगी विभक्त होना । टुकडे़ टुकडे़ होना । खंडित होना । भग्न होना । जैसे,— छडी़ टूटना, रस्सी ठूटना । संयो॰ क्रि॰—जना । यौ॰—टूटना फूटना । विशेष—'टूटना' और 'फूटना' क्रिया में यह अंतर है । कि फूटना खरी वस्तुओं के लिये बोला जाता है, विशेषतः ऐसी जिनके भीतर अवकाश या खाली जगह रहती है । जैसे, घडा़ फूटना, बरतन फूटना, खपडे़ फूटना, सिर फूटना । लकडी़ आदि चीमड़ वस्तुओं के लिये 'फूटना' का प्रयोग नहीं होता । पर फूटना के स्थान पर पश्चिमी हिंदी में 'टूटना' का प्रयोग होता है, जैसे, घडा़ ठूटना ।

२. किसी अंग के जोड़ का उखड़ जाना । किसी अंग का चोट खाकर ढीला और बेकाम हो जाना । जैसे,—हाथ टूटना, पैर टूटना ।

३. किसी लगातार चलनेवाली वस्तु का रुक जाना । चलते हुए क्रम का भंग होना । सिलसिला बंद होना । जारी न रहना । जैसे,—पानी इस प्रकार गिराओ कि धार न टूटे ।

४. किसी ओर एकबारगी वेग से जाना । किसी वस्तु पर झपटना । झुकना । जैसे, चील का मांस पर टूटना, बच्चे का खिलौने पर टूटना । संयो॰ क्रि॰—पड़ना ।

५. अधिक समूह में आना । एकबारगी बहुत सा आ पड़ना । पिल पड़ना । जैसे,—दूकान पर ग्राहकों का टूटना, विपत्ति या आपत्ति टूटना । संयो॰ क्रि॰—पड़ना । मुहा॰—टूट टूटकर बरसना = बहुत अधिक पानी बरसना । मूसलाधार बरसना ।

६. दल बाँधकर सहसा आक्रमण करना । एकबारगी धावा करना । जैसे, फौज का दुश्मन पर टूटना । संयो॰ क्रि॰—पड़ना ।

७. अनायास कहीं से आ जाना । अकस्मात् प्राप्त होना । जैसे,— दो ही महीने में इतनी संपत्ति कहाँ से टूट पडी़ ? उ॰— आयो हमारे मया करि मोहन मोकों तो मानो महानिधि टूटो ।—देव । (शब्द॰) ।

८. पृथक् होना । अलग होना । च्युत होना । मेल में न रहना । जैसे, पंक्ति से टूटना, गवाह का टूट जाना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

९. संबंध छूटना । लगाव न रह जाना । जैसे, नाता टूटना । मित्रता टूटना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

१०. दुर्बल होना । कृश होना । दुबला पड़ना । क्षीण होना । जैसे,—(क) वह खाने बिना टूट गया है । (ख) उसका सारा बल टूट गया । संयो॰ क्रि॰—जाना । मुहा॰—(कुएँ का) पानी टूटना = पानी कम होना ।

११. धनहीन होना । कंगाल होना । बिगड़ जाना । जैसे,—इस रोजगार में बहुत से महाजन टूट गए । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

१२. चलता न रहना । बंद हो जाना । किसी संस्था, कार्यालय आदि का न रह जाना । जैसे, स्कूल टूटना, बाजार टूटना, कोठी टूटना, मुकदमा टूटना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

१३. किसी स्थान, जैसे गढ़ आदि का शत्रु के अधिकार में जाना । जैसे, किला टूटना । उ॰— मेघनाद तहँ करइ लराई । टूट न द्वार परम कठिनाई ।—तुलसी (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰ —जाना ।

१४. रुपए का बाकी पड़ना । वसूल न होना । जैसे,—अभी हिसाब साफ नहीं हुआ, हमारे १० टूटते हैं ।

१५. टोटा होना । घाटा होना । हानि होना ।

१६. शरीर में ऐंठन या तनाव लिए हुए पीडा़ होना । जैसे,—बुखार चढ़ने पर जोड़ जोड़ टूटता है । मुहा॰—बदन या अंग टूटना = अँगडा़ई आना ।

१७. पेड़ों से फल का तोडा़ जाना । फलों का इकट्ठा किया जाना । फल उतरना । जैसे, आम टूटना ।